Ram Amritvani Lyrics in Hindi / English – श्री राम अमृतवाणी लिरिक्स

सबसे लोकप्रिय रामजी की अमृतवाणी Ramamrit Pad Pawan Wani आप सभी लोग पढ़ सकते है, Popular Singer Anuradha Paudwal Bhajan Shri Ram Amritvani Lyrics, राम भक्ति गीत

Ram Amritvani Lyrics in Hindi

रामामृत पद पावन वाणी,
राम नाम धुन सुधा सामानी,
पावन पाथ राम गन ग्राम,
राम राम जप राम ही राम । 1 ।

परम सत्य परम विज्ञान,
ज्योति स्वरूप राम भगवान,
परमानंद, सर्वशक्तिमान,
राम परम है राम महान । 2 ।

अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान,
राम राम सुख सिद्धिकारण,
अमृतवानी अमृत श्री नाम,
राम राम मुद मंगल धाम । 3 ।

अमृतरूप राम-गुण गान,
अमृत-कथन राम व्याख्यान,
अमृत-वचन राम की चर्चा,
सुधा सम गीत राम की अर्चा । 4 ।

अमृत ​​मनन राम का जाप,
राम राम प्रभु राम अलाप,
अमृत ​​चिंतन राम का ध्यान,
राम शब्द में सूचि समाधन । 5 ।

अमृत ​​रसना वही कहवा,
राम-राम, जहां नाम सुहावे,
अमृत ​​कर्म नाम कमानी,
राम-राम परम सुखदायी । 6 ।

अमृत ​​राम-नाम जो ही ध्यावे,
अमृत पद सो ही जन पावे,
राम-नाम अमृत-रास सार,
देता परम आनन्द अपार । 7 ।

राम-राम जप हे माणा,
अमृत वाणी मान,
राम-नाम मे राम को,
सदा विराजित जान । 8 ।

राम-नाम मद-मंगलकारी,
विध्ण हरे सब पातक हारी,
राम नाम शुभ-शकुण महान,
स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 ।

राम-राम श्री राम-विचार,
मानी उत्तम मंगलाचार,
राम-राम मन मुख से गाना,
मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 ।

राम-नाम जो जन मन लावे,
उसमे शुभ सभी बस जावे,
जहां हो राम-नाम धुन-नाद,
भागे वहा से विषम विषाद । 11 ।

राम-नाम मन-तप्त बुझावे,
सुधा रस सीच शांति ले आवे,
राम-राम जपिये कर भाव,
सुविधा सुविध बने बनाव । 12 ।

राम-नाम सिमरो सदा,
अतिशय मंगल मूल,
विषम विकट संकट हरन,
कारक सब अनुकूल । 13 ।

जपना राम-राम है सुकृत,
राम-नाम है नाशक दुष्कृत,
सिमरे राम-राम ही जो जन,
उसका हो शुचित्र तन-मन । 14 ।

जिसमे राम-नाम शुभ जागे,
उस के पाप-ताप सब भागे,
मन से राम-नाम जो उच्चारे,
उस के भागे भ्रम भय सारे । 15 ।

जिस मन बस जाए राम सुनाम,
होवे वह जन पूर्णकाम,
चित में राम-राम जो सिमरे,
निश्चय भव सागर से तारे । 16 ।

राम-सिमरन होव साहै,
राम-सिमरन है सुखदायी,
राम सिमरन सब से ऊंचा,
राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा । 17 ।

राम-राम हे सिमर मन,
राम-राम श्री राम,
राम-राम श्री राम-भज,
राम-राम हरि-नाम । 18 ।

मात पिता बांधव सूत दारा,
धन जन साजन सखा प्यारा,
अंत काल दे सके ना सहारा,
राम-नाम तेरा तारण हारा । 19 ।

सिमरन राम-नाम है संगी,
सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी,
यूग-यूग का है राम सहेला,
राम-भगत नहीं रहे अकेला । 20 ।

निर्जन वन विपद हो घोर,
निबर्ध निशा तम सब ओर,
जोत जब राम नाम की जागे,
संकट सर्व सहज से भागे । 21 ।

बाधा बड़ी विषम जब आवे,
वैर विरोध विघ्न बढ़ जावे,
राम नाम जपिये सुख दाता,
सच्चा साथी जो हितकर त्राता । 22 ।

मन जब धैर्य को नहीं पावे,
कुचिन्ता चित्त को चूर बनावे
राम नाम जपे चिंता चूरक,
चिंतामणि चित्त चिंतन पूरक । 23 ।

शोक सागर हो उमड़ा आता,
अति दुःख में मन घबराता,
भजिये राम-राम बहु बार,
जन का करता बेड़ा पार । 24 ।

करधी घरद्धि कठिनतर काल,
कष्ट कठोर हो क्लेश कराल,
राम-राम जपिये प्रतिपाल,
सुख दाता प्रभु दीनदयाल । 25 ।

घटना घोर घटे जिस बेर,
दुर्जन दुखरदे लेवेँ घेर,
जपिये राम-नाम बिन देर,
रखिये राम-राम शुभ टेर । 26 ।

राम-नाम हो सदा सहायक,
राम-नाम सर्व सुखदायक,
राम-राम प्रभु राम की टेक,
शरण शान्ति आश्रय है एक । 27 ।

पूँजी राम-नाम की पाइये,
पाथेय साथ नाम ले जाइये,
नाशे जन्म मरण का खटका,
रहे राम भक्त नहीं अटका । 28 ।

राम-राम श्री राम है,
तीन लोक का नाथ,
परम-पुरुष पावन प्रभु,
सदा का संगी साथ । 29 ।

यज्ञ तप ध्यान योग ही त्याग,
वन कुटी वास अति वैराग,
राम-नाम बिना नीरस फोक,
राम-राम जप तरिये लोक । 30 ।

राम-जाप सब संयम साधन,
राम-जाप है कर्म आराधन,
राम-जाप है परम-अभ्यास,
सिम्रो राम-नाम सुख-रास । 31 ।

राम-जाप कही ऊंची करनी,
बाधा विघ्न बहु दुःख हरनी,
राम-राम महा-मंत्र जपना,
है सुव्रत नेम तप तपना । 32 ।

राम-जाप है सरल समाधि,
हरे सब आधी व्याधि उपाधि,
रिद्धि-सिद्धि और नव-निधान,
डाटा राम है सब सुख-खान । 33 ।

राम-राम चिन्तन सुविचार,
राम-राम जप निश्चय धार,
राम-राम श्री राम-ध्याना,
है परम-पद अमृत पाना । 34 ।

राम-राम श्री राम हरी,
सहज पराम है योग,
राम-राम श्री राम जप,
देता अमृत-भोग । 35 ।

नाम चिंतामणि रत्न अमोल,
राम-नाम महिमा अनमोल,
अतुल प्रभाव अति-प्रताप,
राम-नाम कहा तारक जाप । 36 ।

बीज अक्षर महा-शक्ति-कोष,
राम-राम जप शुभ-संतोष,
राम-राम श्री राम-राम मंत्र,
तंत्र बीज परात्पर यन्त्र । 37 ।

बीजाक्षर पद पद्मा प्रकाशे,
राम-राम जप दोष विनाशे,
कुण्डलिनी बोधे, सुष्मना खोले,
राम मंत्र अमृत रस घोले । 38 ।

उपजे नाद सहज बहु-भांत,
अजपा जाप भीतर हो शांत,
राम-राम पद शक्ति जगावे,
राम-राम धुन जभी रमावे । 39 ।

राम-नाम जब जगे अभंग,
चेतन-भाव जगे सुख संग,
ग्रंथि अविद्या टूटे भारी,
राम-लीला की खिले फुलवारी । 40 ।

पतित-पावन परम-पाठ,
राम-राम जप योग,
सफल सिद्धि कर साधना,
राम-नाम अनुराग । 41 ।

तीन लोक का समझीये सार,
राम-नाम सब ही सुखकार,
राम-नाम की बहुत बरदाई,
वेद पुराण मुनि जन गाई । 42 ।

यति सती साधू संत सयाने,
राम नाम निष्-दिन बखाने,
तापस योगी सिद्ध ऋषिवर,
जाप्ते राम-नाम सब सुखकर । 43 ।

भावना भक्ति भरे भजनीक,
भजते राम-नाम रमणीक,
भजते भक्त भाव-भरपूर,
भ्रम-भय भेद-भाव से दूर । 44 ।

पूर्ण पंडित पुरुष-प्रधान,
पावन-परम पाठ ही मान,
करते राम-राम जप-ध्यान,
सुनते राम अनहद तान । 45 ।

इस में सुरति सुर रमाते,
राम राम स्वर साध समाते,
देव देवीगन दैव विधाता,
राम-राम भजते गनत्राता । 46 ।

राम राम सुगुणी जन गाते,
स्वर-संगीत से राम रिझाते,
कीर्तन-कथा करते विद्वान्,
सार सरस संग साधनवान । 47 ।

मोहक मंत्र अति मधुर,
राम-राम जप ध्यान,
होता तीनो लोक में,
राम-नाम गन-गान । 48 ।

मिथ्या मन-कल्पित मत-जाल,
मिथ्या है मोह-कुमद-बैताल,
मिथ्या मन-मुखिआ मनोराज,
सच्चा है राम-राम जप काज । 49 ।

मिथ्या है वाद-विवाद विरोध,
मिथ्या है वैर निंदा हाथ क्रोध
मिथ्या द्रोह दुर्गुण दुःख कहाँ,
राम-नाम जप सत्य निधान । 50 ।

सत्य-मूलक है रचना साड़ी,
सर्व-सत्य प्रभु-राम पसारि,
बीज से तरु मक्करधी से तार,
हुआ त्यों राम से जग विस्तार । 51 ।

विश्व-वृक्ष का राम है मूल,
उस को तू प्राणी कभी न भूल,
सां-साँस से सीमार सुजान,
राम-राम प्रभु-राम महान । 52 ।

लाया उत्पत्ति पालना-रूप,
शक्ति-चेतना आनंद-स्वरुप,
आदि अन्त और मध्य है राम,
अशरण-शरण है राम-विश्राम । 53 ।

राम-राम जप भाव से,
मेरे अपने आप,
परम-पुरुष पालक-प्रभु,
हर्ता पाप त्रिताप । 54 ।

राम-नाम बिना वृथा विहार,
धन-धान्य सुख-भोग पसार,
वृथा है सब सम्पद सम्मान,
होव तँ यथा रहित प्रान । 55 ।

नाम बिना सब नीरस स्वाद,
ज्योँ हो स्वर बिना राग विषाद,
नाम बिना नहीं साजे सिंगार,
राम-नाम है सब रस सार । 56 ।

जगत का जीवन जानो राम,
जग की ज्योति जाज्वल्यमान,
राम-नाम बिना मोहिनी-माया,
जीवन-हीं यथा तन-छाया । 57 ।

सूना समझीये सब संसार,
जहां नहीं राम-नाम संचार,
सूना जानिये ज्ञान-विवेक,
जिस में राम-नाम नहीं एक । 58 ।

सूने ग्रन्थ पंथ मत पोथे,
बने जो राम-नाम बिन थोथी,
राम-नाम बिन वाद-विचार,
भारी भ्रम का करे प्रचार । 59 ।

राम-नाम दीपक बिना,
जान-मन में अंधेर,
रहे इस से हे मम-मन,
नाम सुमाला फेर । 60 ।

राम-राम भज कर श्री राम,
करिये नित्य ही उत्तम काम,
जितने कर्त्तव्य कर्म कलाप,
करिये राम-राम कर जाप । 61 ।

करिये गमनागम के काल,
राम-जाप जो कर्ता निहाल,
सोते जागते सब दिन याम,
जपिये राम-राम अभिराम । 62 ।

जाप्ते राम-नाम महा माला,
लगता नरक-द्वार पै टाला,
जाप्ते राम-राम जप पाठ,
जलते कर्म बंध यथा काठ । 63 ।

तान जब राम-नाम की तूती,
भांडा-भरा अभाग्य भया फूटे,
मनका है राम-नाम का ऐसा,
चिंता-मणि पारस-मणि जैसा । 64 ।

राम-नाम सुधा-रस सागर,
राम-नाम ज्ञान गुण-अगर,
राम-नाम श्री राम-महाराज,
भाव-सिंधु में है अतुल-जहाज । 65 ।

राम-नाम सब तीर्थ-स्थान,
राम-राम जप परम-स्नान,
धो कर पाप-ताप सब धुल,
कर दे भया-भ्रम को उन्मूल । 66 ।

राम जाप रवि-तेज सामान
महा-मोह-ताम हरे अज्ञान,
राम जाप दे आनंद महान,
मिले उसे जिसे दे भगवान् । 67 ।

राम-नाम को सिमरिये,
राम-राम एक तार,
परम-पाठ पावन-परम,
पतित अधम दे तार । 68 ।

माँगूँ मैं राम-कृपा दिन रात,
राम-कृपा हरे सब उत्पात,
राम-कृपा लेवे अंट सँभाल,
राम-प्रभु है जन प्रतिपाल । 69 ।

राम-कृपा है उच्तर-योग,
राम-कृपा है शुभ संयोग,
राम-कृपा सब साधन-मर्म,
राम-कृपा संयम सत्य धर्म । 70 ।

राम-नाम को मन में बसाना,
सुपथ राम-कृपा का है पाना,
मन में राम-धुन जब फिर,
राम-कृपा तब ही अवतार । 71 ।

रहूँ मैं नाम में हो कर लीं,
जैसे जल में हो मीन अड़ीं,
राम-कृपा भरपूर मैं पाऊँ,
परम प्रभु को भीतर लाऊँ । 72 ।

भक्ति-भाव से भक्त सुजान,
भजते राम-कृपा का निधान,
राम-कृपा उस जान में आवे,
जिस में आप ही राम बसावे । 73 ।

कृपा प्रसाद है राम की देनी,
काल-व्याल जंजाल हर लेनी,
कृपा-प्रसाद सुधा-सुख-स्वाद,
राम-नाम दे रहित विवाद । 74 ।

प्रभु-पसाद शिव-शान्ति-दाता,
ब्रह्म-धाम में आप पहुँचाता,
प्रभु-प्रसाद पावे वह प्राणी,
राम-राम जापे अमृत-वाणी । 75 ।

औषध राम-नाम की खाईये,
मृत्यु जन्म के रोग मिटाइये,
राम-नाम अमृत रस-पान,
देता अमल अचल निर्वाण । 76 ।

राम-राम धुन गूँज से,
भाव-भया जाते भाग,
राम-नाम धुन ध्यान से,
सब शुभ जाते जाग । 77 ।

माँगूँ मैं राम-नाम महादान,
करता निर्धन का कल्याण,
देव-द्वार पर जनम का भूखा,
भक्ति प्रेम अनुराग से रूखा । 78 ।

पर हूँ तेरा-यह लिए टेर,
चरण पारधे की राखियो मेर,
अपना आप विरद-विचार,
दीजिये भगवन! नाम प्यार । 79 ।

राम-नाम ने वे भी तारे,
जो थे अधर्मी-अधम हत्यारे,
कपटी-कुटिल-कुकर्मी अनेक,
तर गए राम-नाम ले एक । 80 ।

तर गए धृति-धारणा हीं,
धर्म-कर्म में जन अति दीन,
राम-राम श्री राम-जप जाप,
हुए अतुल-विमल-अपाप । 81 ।

राम-नाम मन मुख में बोले,
राम-नाम भीतर पट खोले,
राम-नाम से कमल-विकास,
होवें सब साधन सुख-रास । 82 ।

राम-नाम घट भीतर बसे,
सांस-साँस नस-नस से रसे,
सपने में भी न बिसरे नाम,
राम-राम श्री राम-राम-राम । 83 ।

राम-नाम के मेल से,
साध जाते सब-काम,
देव-देव देवी यादा,
दान महा-सुख-धाम । 84 ।

अहो मैं राम-नाम धन पाया,
कान में राम-नाम जब आया,
मुख से राम-नाम जब गाया,
मन से राम-नाम जब ध्याया । 85 ।

पा कर राम-नाम धन-राशि,
घोर-अविद्या विपद विनाशी,
बर्धा जब राम प्रेम का पूर,
संकट-संशय हो गए दूर । 86 ।

राम-नाम जो जापे एक बेर,
उस के भीतर कोष-कुबेर,
दीं-दुखिया-दरिद्र-कंगाल,
राम-राम जप होव निहाल । 87 ।

हृदय राम-नाम से भरिये,
संचय राम-नाम दान करिए,
घाट में नाम मूर्ती धरिये,
पूजा अंतर्मुख हो करिये । 88 ।

आँखें मूँद के सुनिये सितार,
राम-राम सुमधुर झनकार,
उस में मन का मेल मिलाओ,
राम-राम सुर में ही समाओ । 89 ।

जपूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
ध्याऊँ मैं राम-राम हरे राम,
सिमरूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
गाऊं मैं राम-राम श्री राम । 90 ।

अमृतवाणी का नित्य गाना,
राम-राम मन बीच रमाणा,
देता संकट-विपद निवार,
करता शुभ श्री मंगलाचार । 91 ।

राम-नाम जप पाठ से,
हो अमृत संचार,
राम-धाम में प्रीति हो,
सुगुण-गैन का विस्तार । 92 ।

तारक मंत्र राम है,
जिस का सुफल अपार,
इस मंत्र के जाप से,
निश्चय बने निस्तार । 93 ।

बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम राम राम ।

Jai Raghunandan Jai Siyaram Lyrics – जय रघुनंदन जय सियाराम भजन

Ram Amritvani Lyrics in English

ramamrit pad pawan wani,
raam naam dhun sudha saamaanee,
pawan paath raam gan graam,
raam raam jap raam hee raam । 1 ।

param saty param vigyaan,
jyoti svaroop raam bhagavaan,
paramaanand, sarvashaktimaan,
raam param hai raam mahaan । 2 ।

amrt ​​wani naam uchchaaharaan,
raam raam sukh siddhikaaran,
amrtawani amrt shree naam,
raam raam mud mangal dhaam । 3 ।

amrtaroop raam-gun gaan,
amrt-kathan raam vyaakhyaan,
amrt-vachan raam kee charcha,
sudha sam geet raam kee archa । 4 ।

amrt ​​manan raam ka jaap,
raam raam prabhu raam alaap,
amrt ​​chintan raam ka dhyaan,
raam shabd mein soochi samaadhan । 5 ।

amrt ​​rasana vahee kahava,
raam-raam, jahaan naam suhaave,
amrt ​​karm naam kamaanee,
raam-raam param sukhadaayee । 6 ।

amrt ​​raam-naam jo hee dhyaave,
amrt pad so hee jan paave,
raam-naam amrt-raas saar,
deta param aanand apaar । 7 ।

raam-raam jap he maana,
amrt wani maan,
raam-naam me raam ko,
sada viraajit jaan । 8 ।

raam-naam mad-mangalakaaree,
vidhn hare sab paatak haaree,
raam naam shubh-shakun mahaan,
svastee shaanti shivakar kalyaan । 9 ।

raam-raam shree raam-vichaar,
maanee uttam mangalaachaar,
raam-raam man mukh se gaana,
maano madhur manorath paana । 10 ।

raam-naam jo jan man laave,
usame shubh sabhee bas jaave,
jahaan ho raam-naam dhun-naad,
bhaage vaha se visham vishaad । 11 ।

raam-naam man-tapt bujhaave,
sudha ras seech shaanti le aave,
raam-raam japiye kar bhaav,
suvidha suvidh bane banaav । 12 ।

raam-naam simaro sada,
atishay mangal mool,
visham vikat sankat haran,
kaarak sab anukool । 13 ।

japana raam-raam hai sukrt,
raam-naam hai naashak dushkrt,
simare raam-raam hee jo jan,
usaka ho shuchitr tan-man । 14 ।

jisame raam-naam shubh jaage,
us ke paap-taap sab bhaage,
man se raam-naam jo uchchaare,
us ke bhaage bhram bhay saare । 15 ।

jis man bas jae raam sunaam,
hove vah jan poornakaam,
chit mein raam-raam jo simare,
nishchay bhav saagar se taare । 16 ।

raam-simaran hov saahai,
raam-simaran hai sukhadaayee,
raam simaran sab se ooncha,
raam shakti sukh gyaan samoocha । 17 ।

raam-raam he simar man,
raam-raam shree raam,
raam-raam shree raam-bhaj,
raam-raam hari-naam । 18 ।

maat pita baandhav soot daara,
dhan jan saajan sakha pyaara,
ant kaal de sake na sahaara,
raam-naam tera taaran haara । 19 ।

simaran raam-naam hai sangee,
sakha snehee suhird shubh angee,
yoog-yoog ka hai raam sahela,
raam-bhagat nahin rahe akela । 20 ।

nirjan van vipad ho ghor,
nibardh nisha tam sab or,
jot jab raam naam kee jaage,
sankat sarv sahaj se bhaage । 21 ।

baadha badee visham jab aave,
vair virodh vighn badh jaave,
raam naam japiye sukh daata,
sachcha saathee jo hitakar traata । 22 ।

man jab dhairy ko nahin paave,
kuchinta chitt ko choor banaave
raam naam jape chinta choorak,
chintaamani chitt chintan poorak । 23 ।

shok saagar ho umada aata,
ati duhkh mein man ghabaraata,
bhajiye raam-raam bahu baar,
jan ka karata beda paar । 24 ।

karadhee gharaddhi kathinatar kaal,
kasht kathor ho klesh karaal,
raam-raam japiye pratipaal,
sukh daata prabhu deenadayaal । 25 ।

ghatana ghor ghate jis ber,
durjan dukharade leven gher,
japiye raam-naam bin der,
rakhiye raam-raam shubh ter । 26 ।

raam-naam ho sada sahaayak,
raam-naam sarv sukhadaayak,
raam-raam prabhu raam kee tek,
sharan shaanti aashray hai ek । 27 ।

poonjee raam-naam kee paiye,
paathey saath naam le jaiye,
naashe janm maran ka khataka,
rahe raam bhakt nahin ataka । 28 ।

raam-raam shree raam hai,
teen lok ka naath,
param-purush pawan prabhu,
sada ka sangee saath । 29 ।

yagy tap dhyaan yog hee tyaag,
van kutee vaas ati vairaag,
raam-naam bina neeras phok,
raam-raam jap tariye lok । 30 ।

raam-jaap sab sanyam saadhan,
raam-jaap hai karm aaraadhan,
raam-jaap hai param-abhyaas,
simro raam-naam sukh-raas । 31 ।

raam-jaap kahee oonchee karanee,
baadha vighn bahu duhkh haranee,
raam-raam maha-mantr japana,
hai suvrat nem tap tapana । 32 ।

raam-jaap hai saral samaadhi,
hare sab aadhee vyaadhi upaadhi,
riddhi-siddhi aur nav-nidhaan,
daata raam hai sab sukh-khaan । 33 ।

raam-raam chintan suvichaar,
raam-raam jap nishchay dhaar,
raam-raam shree raam-dhyaana,
hai param-pad amrt paana । 34 ।

raam-raam shree raam haree,
sahaj paraam hai yog,
raam-raam shree raam jap,
deta amrt-bhog । 35 ।

naam chintaamani ratn amol,
raam-naam mahima anamol,
atul prabhaav ati-prataap,
raam-naam kaha taarak jaap । 36 ।

beej akshar maha-shakti-kosh,
raam-raam jap shubh-santosh,
raam-raam shree raam-raam mantr,
tantr beej paraatpar yantr । 37 ।

beejaakshar pad padma prakaashe,
raam-raam jap dosh vinaashe,
kundalinee bodhe, sushmana khole,
raam mantr amrt ras ghole । 38 ।

upaje naad sahaj bahu-bhaant,
ajapa jaap bheetar ho shaant,
raam-raam pad shakti jagaave,
raam-raam dhun jabhee ramaave । 39 ।

raam-naam jab jage abhang,
chetan-bhaav jage sukh sang,
granthi avidya toote bhaaree,
raam-leela kee khile phulavaaree । 40 ।

patit-pawan param-paath,
raam-raam jap yog,
saphal siddhi kar saadhana,
raam-naam anuraag । 41 ।

teen lok ka samajheeye saar,
raam-naam sab hee sukhakaar,
raam-naam kee bahut baradaee,
ved puraan muni jan gaee । 42 ।

yati satee saadhoo sant sayaane,
raam naam nish-din bakhaane,
taapas yogee siddh rshivar,
jaapte raam-naam sab sukhakar । 43 ।

bhaavana bhakti bhare bhajaneek,
bhajate raam-naam ramaneek,
bhajate bhakt bhaav-bharapoor,
bhram-bhay bhed-bhaav se door । 44 ।

poorn pandit purush-pradhaan,
pawan-param paath hee maan,
karate raam-raam jap-dhyaan,
sunate raam anahad taan । 45 ।

is mein surati sur ramaate,
raam raam svar saadh samaate,
dev deveegan daiv vidhaata,
raam-raam bhajate ganatraata । 46 ।

raam raam sugunee jan gaate,
svar-sangeet se raam rijhaate,
keertan-katha karate vidvaan,
saar saras sang saadhanavaan । 47 ।

mohak mantr ati madhur,
raam-raam jap dhyaan,
hota teeno lok mein,
raam-naam gan-gaan । 48 ।

mithya man-kalpit mat-jaal,
mithya hai moh-kumad-baitaal,
mithya man-mukhia manoraaj,
sachcha hai raam-raam jap kaaj । 49 ।

mithya hai vaad-vivaad virodh,
mithya hai vair ninda haath krodh
mithya droh durgun duhkh kahaan,
raam-naam jap saty nidhaan । 50 ।

saty-moolak hai rachana sari,
sarv-saty prabhu-raam pasaari,
beej se taru makkaradhee se taar,
hua tyon raam se jag vistaar । 51 ।

vishv-vrksh ka raam hai mool,
us ko too praanee kabhee na bhool,
saan-saans se seemaar sujaan,
raam-raam prabhu-raam mahaan । 52 ।

laaya utpatti paalana-roop,
shakti-chetana aanand-svarup,
aadi ant aur madhy hai raam,
asharan-sharan hai raam-vishraam । 53 ।

raam-raam jap bhaav se,
mere apane aap,
param-purush paalak-prabhu,
harta paap tritaap । 54 ।

raam-naam bina vrtha vihaar,
dhan-dhaany sukh-bhog pasaar,
vrtha hai sab sampad sammaan,
hov tan yatha rahit praan । 55 ।

naam bina sab neeras svaad,
jyon ho svar bina raag vishaad,
naam bina nahin saaje singaar,
raam-naam hai sab ras saar । 56 ।

jagat ka jeevan jaano raam,
jag kee jyoti jaajvalyamaan,
raam-naam bina mohinee-maaya,
jeevan-heen yatha tan-chhaaya । 57 ।

soona samajheeye sab sansaar,
jahaan nahin raam-naam sanchaar,
soona jaaniye gyaan-vivek,
jis mein raam-naam nahin ek । 58 ।

soone granth panth mat pothe,
bane jo raam-naam bin thothee,
raam-naam bin vaad-vichaar,
bhaaree bhram ka kare prachaar । 59 ।

raam-naam deepak bina,
jaan-man mein andher,
rahe is se he mam-man,
naam sumaala pher । 60 ।

raam-raam bhaj kar shree raam,
kariye nity hee uttam kaam,
jitane karttavy karm kalaap,
kariye raam-raam kar jaap । 61 ।

kariye gamanaagam ke kaal,
raam-jaap jo karta nihaal,
sote jaagate sab din yaam,
japiye raam-raam abhiraam । 62 ।

jaapte raam-naam maha maala,
lagata narak-dvaar pai taala,
jaapte raam-raam jap paath,
jalate karm bandh yatha kaath । 63 ।

taan jab raam-naam kee tootee,
bhaanda-bhara abhaagy bhaya phoote,
manaka hai raam-naam ka aisa,
chinta-mani paaras-mani jaisa । 64 ।

raam-naam sudha-ras saagar,
raam-naam gyaan gun-agar,
raam-naam shree raam-mahaaraaj,
bhaav-sindhu mein hai atul-jahaaj । 65 ।

raam-naam sab teerth-sthaan,
raam-raam jap param-snaan,
dho kar paap-taap sab dhul,
kar de bhaya-bhram ko unmool । 66 ।

raam jaap ravi-tej saamaan
maha-moh-taam hare agyaan,
raam jaap de aanand mahaan,
mile use jise de bhagavaan । 67 ।

raam-naam ko simariye,
raam-raam ek taar,
param-paath pawan-param,
patit adham de taar । 68 ।

maangoon main raam-krpa din raat,
raam-krpa hare sab utpaat,
raam-krpa leve ant sanbhaal,
raam-prabhu hai jan pratipaal । 69 ।

raam-krpa hai uchtar-yog,
raam-krpa hai shubh sanyog,
raam-krpa sab saadhan-marm,
raam-krpa sanyam saty dharm । 70 ।

raam-naam ko man mein basaana,
supath raam-krpa ka hai paana,
man mein raam-dhun jab phir,
raam-krpa tab hee avataar । 71 ।

rahoon main naam mein ho kar leen,
jaise jal mein ho meen adeen,
raam-krpa bharapoor main paoon,
param prabhu ko bheetar laoon । 72 ।

bhakti-bhaav se bhakt sujaan,
bhajate raam-krpa ka nidhaan,
raam-krpa us jaan mein aave,
jis mein aap hee raam basaave । 73 ।

krpa prasaad hai raam kee denee,
kaal-vyaal janjaal har lenee,
krpa-prasaad sudha-sukh-svaad,
raam-naam de rahit vivaad । 74 ।

prabhu-pasaad shiv-shaanti-daata,
brahm-dhaam mein aap pahunchaata,
prabhu-prasaad paave vah praanee,
raam-raam jaape amrt-wani । 75 ।

aushadh raam-naam kee khaeeye,
mrtyu janm ke rog mitaiye,
raam-naam amrt ras-paan,
deta amal achal nirvaan । 76 ।

raam-raam dhun goonj se,
bhaav-bhaya jaate bhaag,
raam-naam dhun dhyaan se,
sab shubh jaate jaag । 77 ।

maangoon main raam-naam mahaadaan,
karata nirdhan ka kalyaan,
dev-dvaar par janam ka bhookha,
bhakti prem anuraag se rookha । 78 ।

par hoon tera-yah lie ter,
charan paaradhe kee raakhiyo mer,
apana aap virad-vichaar,
deejiye bhagavan! naam pyaar । 79 ।

raam-naam ne ve bhee taare,
jo the adharmee-adham hatyaare,
kapatee-kutil-kukarmee anek,
tar gae raam-naam le ek । 80 ।

tar gae dhrti-dhaarana heen,
dharm-karm mein jan ati deen,
raam-raam shree raam-jap jaap,
hue atul-vimal-apaap । 81 ।

raam-naam man mukh mein bole,
raam-naam bheetar pat khole,
raam-naam se kamal-vikaas,
hoven sab saadhan sukh-raas । 82 ।

raam-naam ghat bheetar base,
saans-saans nas-nas se rase,
sapane mein bhee na bisare naam,
raam-raam shree raam-raam-raam । 83 ।

raam-naam ke mel se,
saadh jaate sab-kaam,
dev-dev devee yaada,
daan maha-sukh-dhaam । 84 ।

aho main raam-naam dhan paaya,
kaan mein raam-naam jab aaya,
mukh se raam-naam jab gaaya,
man se raam-naam jab dhyaaya । 85 ।

pa kar raam-naam dhan-raashi,
ghor-avidya vipad vinaashee,
bardha jab raam prem ka poor,
sankat-sanshay ho gae door । 86 ।

raam-naam jo jaape ek ber,
us ke bheetar kosh-kuber,
deen-dukhiya-daridr-kangaal,
raam-raam jap hov nihaal । 87 ।

hrday raam-naam se bhariye,
sanchay raam-naam daan karie,
ghaat mein naam moortee dhariye,
pooja antarmukh ho kariye । 88 ।

aankhen moond ke suniye sitaar,
raam-raam sumadhur jhanakaar,
us mein man ka mel milao,
raam-raam sur mein hee samao । 89 ।

japoon main raam-raam prabhu raam,
dhyaoon main raam-raam hare raam,
simaroon main raam-raam prabhu raam,
gaoon main raam-raam shree raam । 90 ।

amrtawani ka nity gaana,
raam-raam man beech ramaana,
deta sankat-vipad nivaar,
karata shubh shree mangalaachaar । 91 ।

raam-naam jap paath se,
ho amrt sanchaar,
raam-dhaam mein preeti ho,
sugun-gain ka vistaar । 92 ।

taarak mantr raam hai,
jis ka suphal apaar,
is mantr ke jaap se,
nishchay bane nistaar । 93 ।

bolo raam, bolo raam,
bolo raam raam raam ।

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